दीर्घाऐं
बिहार संग्रहालय की मुख्य दीर्घा सामान्य पूर्वावलोकन खंड से शुरु होती है, जिसमें इतिहास दीर्घा ए, बी और सी शामिल हैं। दृश्य भंडार, ऐतिहासिक कला एवं क्षेत्रीय कलाओं के अंतर्गत विशिष्ट प्रदर्शित वस्तुए हैं। हाल में हुए विकास और बिहार के योगदान को बिहारी संतति के प्रदर्शन मंजूषा में दिखाया गया है। बाल दीर्घा एक अलग खंड है।
बिहार संग्रहालय की इतिहास दीर्घा में प्रदर्शित वस्तुएं एक कालानुक्रमिक व्यवस्था में रखी गई हैं। प्रागैतिहासिक काल, आद्यैतिहासिक काल, प्रारंभिक बिहार, मगध का उदय और उसके बाद उत्तराधिकारी राजवंशों को दिखाया गया है। विषय आधारित खंड में बौद्घ एवं जैन धर्म के विकास, मौर्य साम्राज्य एवं अशोक से जुड़ी हुई वस्तुएं हैं। अन्य प्रमुख खंडों में गुप्त साम्राज्य, महत्वपूर्ण महावीरों, पाल राजवंश, मध्यकाल एवं मुगल काल को शामिल किया गया है। दृश्य भंडार दीर्घा में मिट्टी से बनी अद्भुत मूर्तियों का संग्रह है, सिक्कों की दीर्घा भी इसके साथ ही लगी हुई है। ऐतिहासिक कला एवं क्षेत्रीय कला से जुड़े हुए हिस्से में कला को व्याख्या के साथ दिखाया गया है। बिहारी संतति में मौजूदा प्रगति को दिखाया गया है। बाल-दीर्घा को एक अलग खंड के तौर पर डिजाइन किया गया है।