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पूर्वावलोकन दीर्घा

पूर्वावलोकन दीर्घा में, आप सभी संग्रहालय दीर्घाऐं का सिंहावलोकन कर सकते हैं तथा यह भी जान सकते हैं कि कोई इतिहासकार विभिन्न वैज्ञानिक तरीक़ों तथा शोधों का इस्तेमाल करके किस तरह इतिहास की व्याख्या करता है। पूर्वावलोकन प्रेक्षागृह में पूर्व प्रदर्शित फ़िल्में आपको खोजे गए पूर्व ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा पर ले जाती हैं।

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बाल-दीर्घा

बाल-दीर्घा व्यावहारिक रूप से सीखने-समझने वाले क्षेत्रों के माध्यम से बच्चों के सामने बिहार के इतिहास तथा प्राकृतिक इतिहास को जीवंत कर देती है। मस्ती से भरी हुई गतिविधियां शिक्षा को मनोरंजन के साथ जोड़ देती है, जो ‘करो और सीखो’ की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करती है। संवादमूलक श्रव्य-दृश्य तथा मनोरंजक प्रदर्शित वस्तुओं के साथ एक मोहक संसार में प्रवेश करें।

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इतिहास दीर्घा ए

बिहार पर केन्द्रित भारतीय उपमहाद्वीप के आद्य़ इतिहास तथा प्राक्इतिहास की खोज करें। सिंधुघाटी, द्वितीय शहरीकरण, हर्यंक, बौद्ध और जैन धर्म का अन्वेषण करें। शिशुनाग तथा नंद वंश की खोज के लिए अतीत की यात्रा पर निकलें। मौर्य वंश के उदय और अशोक के शासनकाल की भव्यता के साक्षी बनें।

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इतिहास दीर्घा बी

इतिहास दीर्घा बी में शुंग,कुषाण तथा कुषाण कला के बाद गुप्त साम्राज्य और उसकी कला एवं संस्कृति को दिखाया गया है। मुंडेश्वरी मंदिर तथा हर्षवर्धन पर एक प्रदर्शनी है।यह यात्रा महान बौद्ध महावीहारों,बंगाल के पालों तक जारी रहती है तथा तीन खंड पाल शिल्पकला पर हैं।

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इतिहास दीर्घा सी

इतिहास दीर्घा सी मध्यकालीन बिहार,दिल्ली तथा बंगाल की सल्तनत,मुग़लों तथा सूरी वंश,ब्रिटिश पदारोहण तथा बिहार के लिए लड़े गये पलासी युद्ध एवं बक्सर युद्ध की पुनर्रचना करती है। इस दीर्घा में बंगाल के नवाब के दौरान बिहार,पेंटिंग की पटना शाखा,बिहार में सूफ़ीवाद तथा पटना का सिक्ख धर्म से जुड़ाव मुख्य खंड हैं।

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दृश्य भंडार

दृश्य भंडार खंड मृण्मूर्तियों की कलाकृतियों तथा शिल्पकलाओं के एक प्रभावशाली संग्रह को प्रदर्शित करता है। सिक्कों का भंडारण आपको सबसे पहले की मुद्रा पंचमार्क्ड सिक्के से लेकर मध्यकालीन सिक्के की यात्रा पर ले जाता है।

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ऐतिहासिक कला

दीर्घा का सबसे बड़ा आकर्षण चुनार पत्थर से बनी विश्व प्रसिद्ध मौर्यकालीन दीदारगंज यक्षी की मूर्ति है। पटना स्कूल पेंटिंग का उत्कृष्ट शिल्प कौशल, कांस्य कला, बौद्ध और जैन कलाओं को यहां देखा जा सकता है। अन्य खंडों में महिला देवियां और टेराकोटा कलाकृतियां, हिंदू देवी-देवताएं और डैनियल प्रिंट्स, थंग्का चित्र, बौद्ध कला और मध्ययुगीन लघु चित्र हैं।

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क्षेत्रीय कला

क्षेत्रीय कला दीर्घा बिहारी शिल्प कौशल, लोक संस्कृति और परंपराओं की सधी प्रदर्शनियां दिखायेगी।

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बिहारी संतति

बिहारी संतति दीर्घा बिहारियों के पुनर्स्थानांतरण को ऐतिहासिक संदर्भ प्रदान करती है तथा दुनियांभर में बिहारियों के प्रभावव को दर्शाने वाली हाल की कहानियों को दिखाती है। यह दीर्घा बिहार की कहानी को ऐतिहासिक गलियारों से बाहर ले जाते हुए आधुनिक दुनिया के सामने सुनाती रहती है।

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