इतिहास दीर्घा सी मध्यकालीन बिहार की पुनर्रचना करती है तथा दिल्ली एवं बंगाल की सल्तनत की खोज तक इसका विस्तार है। 400 सालों के मुग़ल काल तथा मुग़ल बख़्तर को देखें। शेर शाह सूरी के अनुकरणीय योगदान के साथ सूर वंश के बारे में जानें। ‘अतीत के स्वर’मुग़लों के लिए महत्वपूर्ण सूबे(प्रांत) के रूप में बिहार की खोज करता है। प्रदर्शित वस्तुएं ब्रिटिश राज्यारोहण तथा बिहार के लिए पलासी तथा बक्सर युद्ध को दिखाती हें। बंगाल के नवाब के शासन काल में तथा उस काल की कलाकृतियों में बिहार को व्यापार तथा उत्पादन के एक केन्द्र के रूप में दिखाया गया है। ये चित्र पेंटिंग की मशहूर ‘पटना शाखा’ को दर्शाते हैं। बिहार में सूफ़ीवाद की कहानी तथा पटना के सिख धर्म से जुड़ाव के साक्षी बनिये। समापन अनुभव दीवारों पर चित्रित डेनियल प्रिंट्स के साथ दरभंगा क़िले से गुज़रते हुए बिहार की गतिशील संस्कृति को मुख्य रूप से दर्शाता है।