इतिहास दीर्घा बी आपको इस दौर की कला और भित्ति-चित्र की प्रदर्शनियों के माध्यम से शुंग तथा कुषाण काल में ले जाती है। मथुरा तथा गंधार की शिल्पकलाएं इसमें प्रदर्शित की गई हैं।कुषाणकालीन बलराम, एकनामसा तथा वासुदेव की मूर्तियां एक विशाल दीवार के साथ लगायी गईं हैं। यहां आपका परिचय गुप्त साम्राज्य, उसकी कला एवं संस्कृति से होता है। सिक्कों,मृण्मूर्तियों तथा शिल्पकलाओं के इतिहास का पता लगायें। राजा हर्षवर्धन के बारे में जानें। नालांदा,विक्रमशीला,ओदांतपुरी तथा तेलहारा के रूप में महत्वपूर्ण महाविहारों पर विस्तृत दृश्य वाले महान बौद्ध महाविहारों तथा मठों की प्रदर्शनी को भी देखा जा सकता है। पालों पर एक खंड है तथा पाल शिल्पकला पर तीन खंड हैं।